डिण्डोरी : कलेक्ट्रट सभाकक्ष में समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत पोक्सो एक्ट 2012 की प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 19 और धारा 21(1) एवं 21(2) रहा। कार्यशाला में निर्देश दिए गए कि बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक शोषण कि जानकारी होने पर अनिवार्यतः रिपोर्ट दर्ज कराई जाये। उक्त रिपोर्टकर्ता व्यक्ति की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जायगा, लेकिन रिपोर्ट पंजीबद्ध नहीं करवाने की स्थिति में व्यक्ति या संस्था अधिनियम के अनुसार दंड के पात्र होंगे।
कार्यशाला में गुड-टच बेड-टच और लैंगिक शोषण एवं अपराधों पर विस्तृत चर्चा की गयी। इसके साथ ही नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in को अधिक से अधिक प्रचारित करने के निर्देश दिए है, जिससे बच्चों के साथ होने वाले शोषण को रोका जा सके।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री विमलेश सिंह ने पोक्सो एक्ट प्रकरण की रोकथाम के लिए पुलिस टीम को निर्देश दिए और हॉस्टल अधीक्षकों को छात्रावास न छोड़ने की हिदायत दी। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री श्याम सिंगौर ने छात्रावास में सीसीटीवी कैमरा लगाने एवं छात्रावास सुरक्षा को सुधारने के सम्बन्ध में सलाह दी।
पुलिस अधिकारियों ने धारा 163, 363 एवं 376 की विस्तृत जानकारी देते हुए सभी को जागरूक किया और कहा कि अपराध को चुपचाप देखते रहना और सहना भी अपराध है इसलिए सभी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायें।
इसके साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को प्रसारित करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला में एसडीओपी श्री के.के. त्रिपाठी, अधिवक्ता श्री व्ही.के. बर्मे सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।