Saturday 15/ 03/ 2025 

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गोहद : श्मशान घाट जाने के लिए नहीं सड़क, पानी से भरे खेतों में से जाना पड़ता है श्मशान घाट

गोहद : आजादी के 75 साल बाद भी नही कई गावों में श्मशान घाट, न ही सड़क और न ही पीने के पानी की व्यवस्था और न ही कई गावों में है बिजली, रह रहे है मूलभूत सुविधाओं से दूर ऐसा ही मामला सामने आया है गोहद विधानसभा के ग्राम पंचायत खरौआ के अंतर्गत आने वाले ग्राम माधवगढ़ का जहां पर श्मशान घाट जाने के लिए सड़क नहीं है। हालत बदसे बत्तर तो बरसात के दिनों में हो जाते है जब किसी का देहांत हो जाए तो वर्षात के दिनों में तो खेत में पानी भर जाता है। और श्मशान घाट जाने तक के लिए कोई विकल्प नहीं ग्रामीणों के पास। सिवाय पानी से भरे खेतों में से निकलने के। ऐसी ही घटना गोहद विधानसभा खरौआ के अंतर्गत आने वाले ग्राम माधवगढ़ से शनिवार को सामने आई है जहां बदन सिंह जाटव की माता प्रेमबाई का देहांत शनिवार को हो जाता है। जिसके बाद ग्रामीण पानी से भरे खेतों में से निकले हुए शमशान घाट तक पहुंच जाते है। और उनका अंतिम संस्कार करते है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल जिसमें देखा जा सकता है पानी से भरे खेत में से ग्रामीण अर्थी को ले जाते नजर आ रहे है ।

आजादी के 75 साल पूर्ण होने के बाद भी इस तरह की घटनाएं सामने आती है जो कि सरकार के सिस्टम पर सवाल उठाती है। सरकार द्वारा आमजन की मूलभूत सुविधाओं के लिए फंड रिलीज किया जाता है। क्या सिर्फ चुनाव के समय बड़े बड़े वादे किए जाते है जनप्रतिनिधियों द्वारा की आपको सभी मूलभूत सुविधाओं का लाभ दिया जायेगा। जब आमजन को समस्या होती है तो देखने में आता है जनप्रतिनिधि नहीं आते है नजर।

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