भिंड : शहर के हलवाई खाना इलाके में रहने वाले एक मजदूर युवक कक्षा दो में पढ़ने वाले अपने बच्चे की किताबें लेकर सोमवार को दोपहर में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के पास पहुंच गया। इसने किताबें और उनका बिल दिखाते हुए बताया कि उसे यह किताबें 2 हजार 130 रुपए में दी गई हैं। इसके बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने डीपीसी को निर्देश दिए कि संबंधित स्कूल की मान्यता को निलंबित किया जाए।
हलवाई खाना निवासी इमदाद अहमद ने बताया कि वह फर्नीचर की दुकान पर मजदूरी करते हैं। उनका बच्चा कक्षा दो में मोहल्ले के ही एक निजी स्कूल में पढ़ता है। इस स्कूल के प्रबंधन ने किताबें खरीदने के लिए पर्ची दी, जिस पर सुविधा बुक स्टोर का नाम लिखा था।
यह किताबें दूसरी किसी दुकान पर उपलब्ध नहीं थीं। पुस्तक बाजार में संचालित इस दुकान से जब किताबें खरीदी, तो दुकानदार ने 2130 रुपए मांगे। मैंने इतनी अधिक कीमत सुनकर जब मोलभाव का प्रयास किया, तो दुकानदार ने साफ इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, कॉपियों के लिए 500 रुपए और मांगे गए। लेकिन मेरे पास पूरे रुपए न होने की वजह से कॉपियां नहीं खरीद पाया।
किताबों में एक भी किताब NCERT की नहीं
इतना ही नहीं दुकानदार द्वारा कॉपियों के लिए 500 रुपए और मांगे गए। अहमद के पास इतने रुपए नहीं तो वे पूरी कॉपियां खरीदने में नाकाम रहे। इसमें सबसे बड़ी खास बात तो ये है कि इन किताबों में NCERT की एक भी किताब नहीं थी।
युवक किताब और उसका बिल लेकर कलेक्टर श्रीवास्तव के पास पहुंचा। कलेक्टर ने डीपीसी व्योमेश शर्मा को फोन कर तुरंत निर्देश दिए। कहा कि एक ही दुकान से ज्यादा रेट में किताबें खरीदने के लिए प्रेशर जमाने वाले सानिध्य विद्या निकेतन स्कूल की मान्यता तुरंत सस्पेंड की जाए। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले सेंट माइकल स्कूल की मान्यता भी सस्पेंड की गई थी।