भिंड : मजदूरी के भुगतान में अमानत ख्यानत का मामला, मजदूरों को मेहनताना का पूरा भुगतान नहीं करने पर हुई निलंबन की कार्रवाई
कलेक्टर श्री संजीव श्रीवास्तव ने मजदूरों को उनकी मेहनत की राशि का पूरा भुगतान नहीं करने और मजदूरों को धमकाने पर वन विभाग के सिपाही पवन आर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव को आवेदक सोनू, गोलू, सुग्रीम, उग्रसिंह, काशीराम, दीपक वर्ष कुमार, अवधेश आदि निवासी कटनी ( म०प्र०) द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया गया कि वनमण्डल रेंज के भिण्ड के सिपाही पवन आर्य के द्वारा भिण्ड जिले के सिकाहाटा ग्राम में खड्डे खुदाई का कार्य के लिये 18 रूपये प्रति गड्डे के हिसाब से ठेका दिया गया।
उक्त कार्य 50 मजदूर के द्वारा 15 दिन काम किया जिसमें 18000 गड्डे एवं 8 दिन अर्जुनपुरा में काम किया जिसमें 9000 गड्डे खोदे गये।
काम के बदले में खाने पीने के लिये मात्र 27500 पवन सिपाही द्वारा उन्हें दिये गये एवं 11500 रूपये सूर्या सेंगर ने उन्हें दिये।
जबकि उनके कुल गड्डे की खुदाई 4,86,000/- रूपये हो रही है। तथा 40 रूपये प्रति मीटर ट्रेंच कन्टूर खोदे गये जिनकी कुल मजदूरी 40000/- रूपये होती है।
जब उनके द्वारा उक्त रूपये की मांग की गई तो उल्टा उन्हें गालीगलोच कर घमकाया गया और उन्हें वहां से भगा दिया गया है।
उक्त लोगों के द्वारा अपनी उक्त बकाया राशि रूपये 5,26,000/- दिलाये जाने हेतु अनुरोध किये जाने पर आवेदिका कैला बाई, सोनू लाल सोनी, नीलू बाई, मनीष चौहान के कथन अंकित कराये गये।
उनके द्वारा भी अपने कथनों में उक्त आवेदन में वर्णित तथ्यों की पुष्टि की गई।
अतः उक्त आवेदन एवं संबंधितों के द्वारा दिये गये कथनों से प्रथम दृष्टया स्पष्ट होता है कि आर्य का उक्त कृत्य म०प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उप नियम 3 क के विपरीत होने से श्री पवन आर्य वन रक्षक वनमण्डल भिण्ड रेंज भिण्ड को म०प्र० सिविल सेवा निहित प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
निलंबन अवधि में आर्य का मुख्यालय जिला वनमण्डल अधिकारी कार्यालय भिण्ड नियत किया जाता है। श्री आर्य को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते देय होगा