दोषी की सजा माफ करनेके नोवाक के इस फैसलेका खुलासा होनेके बाद देशभर मेंइसकी व्यापक पैमानेपर आलोचना हुई। नोवाक नेइस निर्णय का खुलासा होनेके बाद
राष्ट्रपति पद सेइस्तीफा दिया।
हंगरी की राष्ट्रपति कैटलिन नोवाक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हों नेन्हों ने बच्चों का यौन
शोषण करने वाले दोषी की सजा माफ की थी। इसके बाद से उन्हें लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ हुई हैं। अब उन्होंनेन्हों नेदोषी की सजा माफ करने को लेकर अफसोस जताया है और अपने पद से
शनिवार को इस्तीफा दे दिया।
नोवाक (46) ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने संदेश में कहा कि वह राष्ट्रपति पद से इस्तीफा
देंगी। वह 2022 से इस पद की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।थीं नोवाक ने एक सरकारी बाल आश्रय
में बाल यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े सबूतों को छुपाने के एक दोषी की सजा अप्रैल 2023 में
माफ कर दी थी।
दोषी की सजा माफ करने के बाद हुई आलोचना
दोषी के खिलाफ यह आरोप साबित हुआ था कि वह पीड़ितों पर आश्रय स्थल के निदेशक पर
लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप वापस लेने का दबाव बना रहा था। इस मामले में सबूत छुपाने
की कोशिश करने के अपराध में दोषी को तीन से अधिक वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी।
दोषी की सजा माफ करने के नोवाक के इस फैसले का खुलासा होने के बाद देशभर में इसकी
व्यापक पैमाने पर आलोचना हुई।
नोवाक ने इस निर्णय का खुलासा होने के एक सप्ताह बाद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया। नोवाक
ने दोषी की सजा माफ करने के फैसले को लेकर माफी मांगते हुए शनिवार को कहा, ‘‘मैंनेमैंने
गलती की।’’ उन्होंनेन्हों नेकहा, ‘‘मैं उन लोगों से माफी मांगती हूं जिन्हें मैंनेमैंनेठेस पहुंचाई है और मैं उन
पीड़ितों से भी क्षमा मांगती हूं जिन्हें लगा होगा कि मैं उनके लिए खड़ी नहीं हो रही हूं।’’ नोवाक ने
कहा, ‘‘मैं राष्ट्र प्रमुख के रूप में आपको आज आखिरी बार संबोधित कर रही हूं। मैं देश के
राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देती हूं।’’ नोवाक हंगरी की पहली महिला और सबसे युवा राष्ट्रपति थीं।
कानून मंत्री का भी इस्तीफा
कैटालिन नोवाक कतर में वर्ल्ड वाटर पोलो चैंपियनशिप के मैच को देखने कतर गईं हुईं थी। विरोध बढ़ने के बाद वे तुरंत बुडापेस्ट लौटीं और हंगरी लौटते ही उन्होंने इस्तीफे का एलान कर दिया। राष्ट्रपति के इस्तीफे के तुरंत बाद हंगरी के कानून मंत्री जूडित वार्गा ने भी इस्तीफा दे दिया। जूडित ने ही दोषी की माफी को मंजूरी दी थी। हालांकि विपक्ष अभी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बेन के इस्तीफे की मांग पर भी अड़ा है। देश में सरकार के बढ़ते विरोध को शांत करने के लिए पीएम ओर्बेन ने हाल ही में कहा है कि वे संविधान में बाल यौन शोषण के दोषियों की सजा माफी के प्रावधान की फिर से समीक्षा कराएंगे।