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ट्रक, बस और कार से तेज दौड़ता है राजा यादव, बिहार टार्जन के नाम से प्रसिद्ध

Published on: 11/16/2024
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बिहार के बगहा का राजा यादव सुर्खियों में है. उसकी स्टील जैसी बॉडी, चीते की रफ्तार और स्टैमिना खूब चर्चा में है. राजा यादव जुगाड़ टेक्नोलॉजी की बदौलत ओलंपिक खेल में भारत का प्रतिनिधत्व करना चाहता है. इसके फिटनेस और अद्भुत क्षमता की कहानी वायरल हो रही है. लिहाजा बिहार के इस युवा को अब लोग ‘बिहार का टार्जन’ और ‘बिहार का उसैन बोल्ट’ कहने लगे हैं।

राजा यादव को समस्याओं ने निखारा समस्याएं सबके जीवन में

साथ होती हैं, कुछ बिखर जाते हैं तो कुछ उन्ही समस्याओं के चलते निखर जाते हैं. ऐसी ही कुछ कहानी है बगहा शहर से 20 किमी दूर स्थित एक छोटे से गांव के राजा यादव की. राजा यादव के दादा और पिता पहलवानी करते थे, लेकिन इन दोनों को वह मंजिल नहीं मिल पाई, जिसका उन्होंने ख्वाब देखा था. लिहाजा तीसरी पीढ़ी का राजा जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सहारे अपना और अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करने में जी जान से जुटा है।

झोपड़ी को बनाया जिमखानाः महीपुर भतौड़ा पंचायत अंतर्गत पाकड़गांव का राजा यादव असुविधाओं और संसाधनों का रोना नहीं रोता, बल्कि उसने अपने टूटी-फूटी झोपड़ी को ही जिमखाना बना लिया. अपने पिता से प्रशिक्षण लेकर वह ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना संजोये हुए है.

चीते जैसी रफ्तार और फौलादी बदन : राजा यादव द्वारा बनाए गए

जुगाड़ तकनीक आजकल सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं. राजा हर दिन 3000 पुश-अप्स और 20 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं. इसके लिए वह संसाधनों के अभाव के बावजूद दिन रात जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. राजा की दो पीढ़ियों का सपना चकनाचूर हो गया है, बावजूद अपनी झोपड़ी को जिमखाना बनाकर पिता से प्रशिक्षण लेकर वह देश का नाम रौशन करना चाहता है।

मेरे पिता और दादा कुश्ती करते थे. मेरे पिताजी तीन बार वेटलिफ्टिंग में नेशनल चैंपियन रहे और गोल्ड मेडल जीता. लेकिन सरकारी मदद और सुविधाओं के अभाव में वह अपना मुकाम हासिल नहीं कर सके, जिसके बाद मैने ओलंपिक का सफर तय करने की ठानी है. जुगाड़ तकनीक से ही सही पिताजी से मदद लेकर रेसलिंग की तैयारियों में जुटा हूं.”- राजा यादव

 

शाकाहारी डाइट से बने स्ट्रॉग  राजा का कहना है कि मैं इसके लिए कोई खास डाइट भी नहीं लेता. घर में जो मां शुद्ध शाकाहारी खाना बनाती है उसी को खाता हूं. दूध-दही समेत घी का सेवन करता हूं. राजा ने यह भी बताया कि मैं दर्जनों मर्तबा सेना की बहाली में चयनित हुआ लेकिन कुछ कमियों की वजह से सेना में नहीं जा सका. जिसका मुझे मलाल है. अब सरकार यदि कुश्ती के क्षेत्र में सुविधाएं मुहैया कराती तो हमलोग जैसे कई युवा इस क्षेत्र में आगे आकर देश का प्रतिनिधित्व करते।

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